Peepal Puja Vidhi | Pipal Puja Ke Niyam
हिंदू धर्म में पीपल को सर्वाधिक पूजनीय वृक्ष माना गया है विभिन्न धर्म ग्रंथों में पीपल वृक्ष की महत्ता का अलग-अलग वर्णन किया गया है कहा गया है कि पीपल वृक्ष की जड़ से लेकर पत्तियों में देवी-देवताओं और पितरों का वास माना गया है परंतु पीपल की पूजा से जुड़ी हुई कुछ सावधानियां भी बताई गई है तो आज इन्हीं सब विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी|
Pipal Puja Ka Sahi Samay | पीपल पूजा का समय
पीपल पूजा करते समय सबसे अधिक ध्यान देना है कि आप पीपल की पूजा किस समय कर रहे हैं| पीपल में जल देने का सही समय सूर्य उदय के पूर्व और अंधेरा समाप्त होने के बाद है पीपल में जल देने के समय ना तो बहुत अधिक अंधकार होना चाहिए और ना ही दोपहर होना चाहिए तो पीपल पूजा का सही समय सुबह 7:00 बजे तक है|
(i). पीपल में जल देने के लिए काली तिल और चावल का प्रयोग करना बेहद ही शुभ माना जाता है| काली तिल के प्रयोग से लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है तथा पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है|
(ii). पीपल में जल देने के बाद सात परिक्रमा अवश्य करना चाहिए परिक्रमा करते समय यह ध्यान रखें कि परिक्रमा घड़ी के सीधी दिशा में होनी चाहिए|
(iii). सुहागिन महिलाएं पीपल की पूजा करते समय पीले सिंदूर से पीपल को तिलक करें तथा कुंवारी लड़कियां और रोली से पीपल को तिलक करें पुरुष पीले चंदन से पीपल वृक्ष को तिलक अवश्य करें|
(iv). पीपल में सुबह जल अर्पित करने के बाद शाम को सरसों के तेल का एक दीपक अवश्य प्रज्वलित करें इसे किए बिना आपकी पीपल पूजा का संपूर्ण फल आपको प्राप्त नहीं हो पाता है|
(v). पीपल वृक्ष के नीचे दीपक प्रज्वलित करते समय दीपक में काले तिल अवश्य डालें तथा सरसों के तेल का ही दीपक प्रज्वलित करें पीपल वृक्ष में दीपक जलाते समय लंबी बाती का प्रयोग करना श्रेष्ठ माना जाता है|
(vi). पीपल वृक्ष में जल अर्पित करने के लिए स्टील या पीतल के लोटे का प्रयोग करें भूलकर भी तांबे के लोटे का प्रयोग ना करें क्योंकि तांबा सूर्य की धातु है और सूर्य और शनि में मित्रता नहीं है इसलिए इस धातु के बर्तन से पीपल वृक्ष का पूजा कदापि न करें|
(vii). पीपल वृक्ष में जल प्रदान करते समय शनि के मंत्र ‘ओम शं शनिश्चराय नमः” मंत्र का जप अवश्य करे.
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