वास्तु शांति पूजा क्या है (What is Vastu Shanti Pooja)
हिंदू अपने घरों में सौभाग्य, धन, सफलता और अच्छी सेहत के लिए वास्तु शांति पूजा समारोह करते हैं। इसे वास्तु पुरोजा (Vastu Purojya) या पुरोजा वास्तु शांति पूजा (Purojya Vastu Shanti Pooja) या शांति वास्तु भी कहा जाता है। वास्तु वह विज्ञान है जिसका सीधा प्रभाव घर पर पड़ता है। यह प्रकृति के पांच तत्वों : पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश को नियंत्रित करता है। हमारे घरों और आसपास ऊर्जा सभी तत्वों द्वारा नियंत्रित होती है और ग्रहों एवं सितारों से प्रभावित होती है। ये घटक हमारे जीवन में पॉजिटिव एनर्जी लाते हुए हमारे परिवेश को सद्भाव और संतुलन में रखते हैं।
इस पूजा के ज़रिए घर में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए आयुर्वेदिक ज्ञान, या “जीवन के विज्ञान” का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि घर ब्रह्मांड का एक छोटा सा हिस्सा है, और परिवेश में अच्छी ऊर्जा लाने के लिए इसमें अच्छी तरंगों का होना आवश्यक है।
Vastu Shanti Pooja विशेष अवसरों पर की जाती है जैसे गृह प्रवेश समारोह या कोई नया व्यवसाय शुरू करते समय। इस पूजा में मंत्रों का जाप, प्रार्थना और वैदिक शास्त्रों के अनुसार कुछ अनुष्ठान किया जाता है। भारत में कई परिवार जीवन में सौभाग्य और समृद्धि लाने के लिए वास्तु शांति पूजा करते हैं।
वास्तु शांति पूजा का महत्व (Significance of Vastu Shanti Pooja)
वास्तु शांति पूजा की प्रथा हजारों साल पुरानी परंपरा है। वास्तु एक विशाल विज्ञान है, और यह माना जाता है कि यह प्रकृति के तत्वों और ब्रह्मांड में नौ ग्रहों से संबंधित है। इसे हमारे आसपास की ऊर्जा का कारण माना जाता है, जिसमें हमारे घर और आसपास का माहौल शामिल हैं।
यह पूजा देवताओं को प्रसन्न करने और नए घर में शांति, समृद्धि और पॉजिटिव एनर्जी के लिए उनका आशीर्वाद पाने हेतु किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा को करने से व्यक्ति किसी भी घर या इमारत में मौजूद किसी भी नेगेटिव एनर्जी या बाधाओं को दूर कर सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि शांति और सद्भाव बना रहें। वास्तु शांति पूजा का महत्व देवताओं के आशीर्वाद का आह्वान करना और पॉजिटिव एनर्जी प्रवाह एवं संतुलन के लिए घर के साथ प्रकृति के तत्वों, जैसे हवा, पानी एवं अग्नि को संरेखित करना है।
वास्तु शांति पूजा क्यों करें (Why Perform Vastu Shanti Pooja)
Vastu Shanti Pooja ज्यादातर गृह प्रवेश पूजा से पहले की जाती है ताकि ज़मीन में ऊर्जा के प्राकृतिक प्रवाह से किसी भी वास्तु दोष को ठीक किया जा सके। इन दोषों को अक्सर वास्तु दोष कहा जाता है, जिनका समाधान न होने पर घर के लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। प्रतिकूल पर्यावरणीय एवं प्राकृतिक परिस्थितियों से बचने के लिए वास्तु शांति कराना जरूरी है।
आप निम्नलिखित मामलों में वास्तु शांति पूजा कर सकते हैं:
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जब कोई निर्णय वास्तु के नियमों के विरुद्ध हो जाता है
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ऐसी इमारत का निर्माण करते समय जो वास्तु सिद्धांतों के विरुद्ध हो
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कमरों और इमारतों का लेआउट लगत हो
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पुराना घर खरीदने पर
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घर या ऑफिस के रिनोवेशन के बाद
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एक दशक तक किसी एक ही जगह पर रहने के बाद
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किसी लंबी विदेश यात्रा से वापस आने पर
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नए घर में शिफ्ट करते समय
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किसी वित्तीय विवाद की स्थिति में।
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