जन्मदिन क्यों मनाते हैं: हर साल में एक बार आने वाला जन्मदिन वह दिन होता है जब हम पैदा हुए थे और जीवन की इस खूबसूरत यात्रा की शुरुआत की थी। इस दिन हर कोई हमें हर कोई हमें जन्मदिन की शुभकामनाएं देता है और हम बड़ी खुशी के साथ इस दिन को celebrate करते हैं।
दुनिया के लगभग हर कोने में जन्मदिन मनाया जाता है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे जन्मदिन मनाने के बारे में जानकारी नहीं होगी। इस दिन को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
जिसका जन्मदिन होता है उसे शुभकामनाओं के साथ-साथ उपहार भी दिए जाते है
हर इंसान के लिए उसका जन्मदिन बेहद खास होता है। आमतौर पर यह दिन केक काटने, मोमबत्तियां बुझाने और पार्टी करने में बीत जाता है। लेकिन हिंदू संस्कृति में यह दिन सिर्फ उत्सव नहीं, एक आध्यात्मिक अवसर होता है — जहां दीर्घायु, आरोग्यता और समृद्धि के लिए विशेष पूजन किया जाता है।
जैसे जीवन में जन्म, विवाह और मृत्यु – ये तीन सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होते हैं, वैसे ही जन्मदिवस आत्मनिरीक्षण और पुण्य कमाने का विशेष अवसर होता है। वैदिक मान्यता के अनुसार, इस दिन आयु का एक वर्ष कम हो जाता है, इसलिए अगला वर्ष मंगलमय हो, इसके लिए ईश्वर की शरण में जाना आवश्यक होता है।
दीप बुझाएं नहीं, जलाएं
पश्चिमी परंपरा में मोमबत्तियां बुझाई जाती हैं, लेकिन वैदिक परंपरा कहती है कि जितनी उम्र हो चुकी है, उतने दीए भगवान के सामने जलाएं। आने वाले वर्ष के लिए एक बड़ा दीपक अलग से जलाएं। इससे जीवन में उजाला और नकारात्मकता से रक्षा होती है। छोटे बच्चों के लिए रंगीन चावलों से स्वस्तिक बनाकर उस पर दीप जलाना भी शुभ माना गया है।
वैदिक पद्धति से करें जन्मदिन पूजन
- प्रातः स्नान के बाद तिल और गंगाजल से स्नान करें, इससे आयु में वृद्धि होती है।
- नवीन वस्त्र पहनकर अपने इष्टदेव या कुलदेवता की पूजा करें।
- गणेश पूजन करें ताकि पूरे वर्ष कार्यों में विघ्न न आएं। “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जप करें।
- नवग्रहों की पूजा कर अपने ग्रहों को शांत करें।
- सूर्य को अर्घ्य दें और गायत्री मंत्र का जाप करें।
क्या न करें इस दिन
- बाल या नाखून न कटवाएं।
- मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से दूर रहें।
- झगड़ा, क्रोध और व्यर्थ वार्तालाप से बचें।
- जुआ, हिंसा और लंबी यात्रा न करें।
क्या जरूर करें
- बुजुर्गों और माता-पिता का आशीर्वाद लें।
- ब्राह्मण या पंडित से पूजन कराएं और स्वस्तिवाचन करवाएं।
- दान करें – वस्त्र, अन्न, किताबें या तिल से बनी चीजें।
- मंदिर में दीपक लगाएं, अनाथालय या वृद्धाश्रम में सेवा करें।
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