मारण मंत्र : दुश्मनों को नष्ट करने के लिए उपयोगी मंत्र (Maran Mantra : Dushmano Ko Nasht Karne Ke Liye Upyogi Mantra
सनातन धर्म में अपनी हर मनोकामना को पूर्ण करने के लिए मन्त्रों का सहारा लिया जाता है फिर चाहे किसी की मनोकामना खुद की तरक्की से जुडी हो या फिर औरों के बुरे के लिए हो। वैसे तो, मन्त्रों का आविष्कार इसलिए हुआ था ताकि मनुष्य अपनी और दुसरो की मदद और भलाई कर सके पर लोग अपनी भलाई के लिए औरों का नाश करने के लिए भी तैयार हो जाते है। मंत्र जगत में 3 तरीके के मंत्र है : वैदिक मंत्र, तांत्रिक मंत्र और शाबर मंत्र और इन 3 मन्त्रों में ही समाहित है प्रत्येक देव का अपना अलग-अलग मंत्र। जिनका उपयोग मनुष्य अपनी कार्यसिद्धि हेतु करते है। आज हम आपको बतलायेंगे इन्हीं मन्त्रों में से एक “मारण मन्त्र“ के बारे में और दुश्मनों को नष्ट करने के लिए मारण मंत्र कैसे उपयोग में लायी जाती है तथा मारण मंत्र से जुडी जरुरी बातें, आइये, शुरू करते है :
मारण मंत्र क्या है ?
जिन मन्त्रों के द्वारा दुश्मनों को अपने वश में किया सके और उनपर विजय भी प्राप्त किया सके, उन्हीं मन्त्रों को “मारण मंत्र” कहते है। प्राचीन काल में इन मन्त्रों का उपयोग लोग ज्यादा करतें थे। “मुठ” नामक मंत्र का उपयोग मारण मंत्र में ज्यादा प्रचलित है लेकिन इस मंत्र का उपयोग इस मंत्र के जाने-माने योगी अथवा ओझा से ही करवाए जाते है और इसी कारण लोग पहले जमाने में ओझाओं के पास जाते थे और उनसे भयभीत भी होते थे। मारण मन्त्रों का उपयोग जब कोई इंसान किसी ओझा से करवाता था तब मारण मन्त्रों के निवारण हेतु विपक्ष भी ओझा के पास जाते थे और तब दोनों पक्षों के बिच मंत्र युद्ध होता था। मारण मंत्र को ही लोग “हिप्नोटिज़म” से जोड़ते है।
दुश्मनों को नष्ट करने के लिए मारण मंत्र : (Dushman Ko Nasht Karne Ke Liye Maran Mantra)
दुश्मनों को नष्ट करने के लिए मारण मंत्र का उपयोग किया जाता है या दुश्मन को मित्र बनाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है, यह मंत्र इस प्रकार है :
||ऊँ हुँ हुँ फट् स्वाहा||
मारण मंत्र को सिद्ध करने का तरीका :
मारण मंत्र को “अश्वनी नक्षत्र” के समय किसी घोड़े की चार अंगुल लम्बी हड्डी को लेकर सिद्ध करें और उसके बाद 21 बार निम्नलिखित मंत्र का जाप करें और फिर उस हड्डी को अपने शत्रु या दुश्मन के घर के किसी स्थान पर गुप्त-रूप से छिपा दें। इस मंत्र के प्रभाव से कुछ ही दिनों में दुश्मन का नाश हो जाएगा।
।। ऊँ डं डां डिं डीं डु डू डें डैं डों डौं डं ड:।।
।। अमुकस्य हन स्वाहा ।। (अमुकस्य के स्थान पर शत्रु का नाम)
मंत्र जगत में इस मंत्र को आसान माना गया है इसलिए इस मंत्र का उपयोग काफी बार किया गया है। इस मन्त्र का “एक लाख” बार जाप करके सिद्ध कर लिया जाए फिर किसी मनुष्य की 4 अंगुल की हड्डी लेकर इस मंत्र का 108 बार जाप कर लिया जाए और फिर उस हड्डी को शमशान में यदि दबा दिया जाए तो दुश्मन की मृत्यु हो जायेगी। इस मन्त्र का जाप किसी गुप्त स्थान में ही करें जहाँ पर बाहरी इंसान से किसी प्रकार की कोई रुकावट ना उत्पन्न हो।
दुश्मन के वशीकरण के लिए मंत्र : (Dushman Ke Vashikaran Ka Mantra)
यदि किसी को वश में करना चाहते है या फिर आकर्षित करना चाहते है तो यहाँ बताये गए मंत्र का जाप करना, यह मंत्र इस प्रकार है :
||ऊँ नमो आदि रुपाय अमुक आकर्षण कुरु–कुरु स्वाहा:||
(अमुक की जगह पर व्यक्ति का नाम लें)
वशीकरण मंत्र की सिद्धि :
“बुद्धवार” के दिन इस मन्त्र का जाप 1 लाख 20 हजार बार करें और सिद्ध करें। इस मन्त्र का जाप किसी गुप्त स्थान में ही करें जहाँ पर बाहरी इंसान से किसी प्रकार की कोई रुकावट ना उत्पन्न हो। मन्त्र सिद्धि के बाद इस मन्त्र का उपयोग करें। इस मन्त्र से कोई भी इंसान आपके वश में आ जायेगा।
मारण मन्त्र का उपयोग – सही या गलत ?
मारण मन्त्रों का जाप दुश्मन के नाश के लिए की जाती है पर हमारी सलाह यही है कि इन मन्त्रों का उपयोग ना ही करें। इन मन्त्रों के द्वारा आप अपने दुश्मन का विनाश तो कर देंगे पर आप खुद भी शर्मिन्दिगी और आत्मग्लानि में डूब जाएंगे और इतना ही नहीं इन मन्त्रों का यदि भूल से भी गलत उच्चारण हो जाए या इन मन्त्रों के प्रयोग में कोई गलती हो जाए तब भी आपको वही नुकशान भोगना पड़ेगा जो आप अपने दुश्मन के लिए चाहते है। मारण मंत्र का उपयोग पुराने जमाने के लोग अधिकतर करते थे और इसका दुरूपयोग भी करते थे इसलिए कुछ “सिद्ध योगी” इस मन्त्र की शक्ति को क्षीण कर दिए ताकि किसी के साथ ज्यादा बुरा न हो सके। इसलिए इन मन्त्रों का उपयोग ना करें।
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