जन्म कुण्डली में कुछ ग्रहों को मजबूत और दुष्ट ग्रहों को शांत करने के लिए तो हम दान-पुण्य करते ही हैं लेकिन ग्रहों की कैसी स्थिति में हमें कैसा दान
सनातन परंपरा में दान का बहुत है. कलयुग में कल्याण की चाह रखने वालों को आखिर किस चीज का करना चाहिए
जीवन में तमाम तरह के कष्टों को दूर करने और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए ज्योतिष के तमाम तरह के उपायों में दान का बहुत महत्व बताया गया है. मान्यता है कि दान से न सिर्फ ग्रहों से संबंधित दोष दूर होते हैं बल्कि इससे पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति भी होती है. सनातन परंपरा में जिन तीन प्रकार के दान का बहुत महत्व बताया गया है, उनमें नित्य दान, नैमित्तिक दान और काम्य दान शामिल है. नित्यदान बगैर किसी फल की इच्छा के परोपकार हेतु दिया जाता है, वहीं नैमित्तिक दान जाने-अंजाने में किए पापों से मुक्ति पाने के लिए और काम्यदान तमाम तरह की कामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है. इन तीनों दान के अंतर्गत भी कई प्रकार के दान आते हैं, जैसे – कन्यादान, विद्यादान, अन्नदान, तुलादान आदि.
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