दीपावली, दिवाली, दीपोत्सव यानी महालक्ष्मी पूजन का शुभ अवसर, इस दिन हम सभी चाहते हैं कि विधि-विधान से पूजन कर मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाए।
यहां शास्त्रोक्त पौराणिक विधि प्रस्तुत है, आइए सबसे पहले जानते हैं मां लक्ष्मी को क्या पसंद है …
1 . देवी लक्ष्मी को पुष्प में कमल व गुलाब प्रिय है।
.हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दिवाली का त्योहार मनाते हैं। अमावस्या तिथि के प्रदोषकाल और निशीथ काल में माता लक्ष्मी की पूजा होती है।
- इस पूजन के पश्चात तिजोरी में गणेशजी तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर विधिवत पूजा करें।
- तत्पश्चात इच्छानुसार घर की बहू-बेटियों को रुपए दें।
- लक्ष्मी पूजन रात के बारह बजे करने का विशेष महत्व है।
- इसके लिए एक पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर एक जोड़ी लक्ष्मी तथा गणेशजी की मूर्ति रखें।
- समीप ही एक सौ रुपए, सवा सेर चावल, गुड़, चार केले, मूली, हरी ग्वार की फली तथा पाँच लड्डू रखकर लक्ष्मी-गणेश का पूजन करें।
- उन्हें लड्डुओं से भोग लगाएँ।
- दीपकों का काजल सभी स्त्री-पुरुष आँखों में लगाएँ।
- फिर रात्रि जागरण कर गोपाल सहस्रनाम पाठ करें।
- इस दिन घर में बिल्ली आए तो उसे भगाएँ नहीं।
- बड़े-बुजुर्गों के चरणों की वंदना करें।
- व्यावसायिक प्रतिष्ठान, गद्दी की भी विधिपूर्वक पूजा करें।
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