सनातन धर्म में हर देवी-देवता को सप्ताह के सातों दिन के अनुसार पूजा जाता है. भगवान विष्णु की पूजा आराधना के लिए गुरुवार का दिन समर्पित किया गया है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए भक्त गुरुवार का व्रत करते हैं. व्रत करने के पहले व्यक्ति कोई न कोई मनोकामना करता है, जो पूरी हो जाने के बाद भगवान को धन्यवाद देते हुए उसका उद्यापन करता है.
गुरुवार व्रत करने की विधि–
-
- इस व्रत की विधि के लिए आपको बहुत ही कम सामग्री चाहिए होगी जैसे की चने की दाल, गुड़, हल्दी, थोड़े से केले, एक उपला हवन करने के लिए और भगवान विष्णु की फोटो और अगर केले का पेड़ हो तो बहोत ही अच्छा है।
- व्रत वाले दिन सुबह उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होकर सबसे पहले आप भगवान के आगे बैठ जाइये, और भगवान को साफ करने के पश्चात चावल एवं पीले फूल लेकर 16 गुरुवार व्रत करने का संकल्प करिए ।
- एवं भगवान विष्णु जी को छोटा पीला वस्त्र अर्पण करिए और अगर केले के पेड़ के सामने पूजा कर रहें हैं तो भी छोटा पीला कपड़ा चढ़ाइए।
- आज कल लोगों के घर छोटे होते हैं तो आम तौर पर उनके घरों में केले का पेड़ नहीं होता इसलिए आप अपने घर के मंदिर में ही व्रत की विधि कर सकते हैं।
- एक लोटे में जल रख लीजिये उसमे थोड़ी हल्दी डालकर विष्णु भगवान जी या केले के पेड़ की जड़ को स्नान कराइए।
- अब उसी लोटे में गुड़ एवं चने की दाल डाल के रख लीजिये और अगर आप केले के पेड़ की पूजा कर रहें हैं तो उसी पे चढ़ा दीजिये।
- तिलक करिए भगवन का हल्दी या चन्दन से, पीला चावल जरुर चढ़ाएं, घी का दीपक जलाये, कथा पढ़िए।
- कथा के बाद उपले पे हवन करिए, गाय के उपले को गर्म करके उसपे घी डालिए और जैसे ही अग्नि प्रज्वलित हो जाये उसमे हवन सामग्री के साथ गुड़ एवं चने की भी आहुति देनी होती है, 5 7 या 11 ॐ गुं गुरुवे नमः मन्त्र के साथ, हवन के बाद आरती कर लीजिये।
- और अंत में क्षमा प्रार्थना करिए, पूजा पूरी होने के बाद आपके लोटे में जो पानी है उसे अपने घर के आस पास के केले के पेड़ पे चढ़ा दीजिये।
- इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि इस दिन आप केले के पेड़ की पूजा करते हैं इसलिए गलती से भी केला न खाएं आप इसे केवल पूजा में चढ़ा सकते हैं एवं प्रसाद में बाट सकते हैं, अगर कोई गाय मिले तो उसे चने की दाल और गुड़ जरुर खिलाएं इससे बहोत पुण्य मिलता है।
गुरुवार के व्रत में नही करने चाहिए ये काम-
- बालों में तेल नहीं लगाना चाहिए।
- बालों को धोना नहीं चाहिए।
- बाल कटवाने नहीं चाहिए।
- घर में पोछा नहीं लागेना चाहिए।
- कपडे धोबी को नहीं देने चाहिए।
- नमक एवं खट्टा नहीं खाना चाहिए।
- पीला या मीठा खा सकते हैं।
- चने की दाल की पूड़ी या पराठा एक समय खा सकते हैं।
- पुरुष यह व्रत लगातार 16 गुरुवार कर सकते हैं परन्तु महिलाओं या लड़कियों को यह व्रत तभी करना चाहिए जब वो पूजा कर सकती हैं, मुश्किल दिनों में यह व्रत नही करना चाहिए।
गुरुवार व्रत की उद्द्यापन विधि –
- उद्द्यापन के एक दिन पहले 5 चीजें लाकर रख लीजिये- चने की दाल, गुड़, हल्दी, केले, पपीता और पीला कपड़ा और अपनी सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा रख दीजिये।
- फिर गुरुवार के दिन हर व्रत की तरह यथावत पूजा के बाद प्रार्थना करिए की आपने संकल्प के अनुसार अपने व्रत पूरे कर लिए हैं और भगवान आप पर कृपा बनाये रखें, और आज आप पूजन का उद्यापन करने जा रहे हैं ।
- इसके पश्चात पूजा में ये सारी सामग्री भगवान विष्णु को चढ़ाकर किसी ब्राह्मण को दान करके उनका आशीर्वाद लीजिये।
Reviews
There are no reviews yet.