दस महाविधा पूजन एवं हवन सामग्री
हिन्दू धर्म की समृद्ध संस्कृति में विभिन्न अनुष्ठान और विधियाँ हैं, जिन्हें पीढ़ी से पीढ़ी तक पारंपरिक रूप से अपनाया गया है। इनमें से एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है दस महाविधा पूजन एवं हवन का आयोजन करवाना । इस पवित्र अनुष्ठान में विशेष तत्वों की पूजा और अर्पण की जाती है, जो हमारी पूजा-अर्चना को महान बनाती है। दस महाविधा पूजन सामग्री का उपयोग अगर वैदिक- विधि से किया जाय तो स्वास्थ्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है |
दस महाविधा माँ दुर्गा के उग्र शक्ति के दस रूप हैं, जो समस्त सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति और संहार का कारण हैं। ये रूप मुख्यतय: काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कामला है |

देवी माँ के इन रूपों के पूजन से हमें महाविधा की कृपा प्राप्त होती है, जो हमें समस्त कष्टों से मुक्ति, समस्त सिद्धियों की प्राप्ति, समस्त पापों का नाश, समस्त शत्रुओं का विनाश, समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति, समस्त भोगों का अनुभव, समस्त ज्ञान का प्रकाश, समस्त मोह का भंग, समस्त मुक्ति का मार्ग प्रदान करती हैं।
दस महाविधा का पूजन करने वाला व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में निराशा का सामना नहीं करता है तथा उसे महाविद्या पूजन द्वारा देवी माँ पार्वती की दिव्य कृपा प्राप्त होती है। |
हम AapkaPandit इस प्रकार की विशिष्ट पूजा- अर्चना को शास्त्रों के अनुरूप करवाने के लिए सक्षम है क्यों की AapkaPandit पेशेवर व विशेषज्ञ पंडितो की एक ऐसी टीम है जो दस महाविधा
जैसी घोर पूजा के लिए निपूर्ण माने जाते है |
यदि दस महाविधा पूजन शास्त्रार्थ न किया जाये तो यह निष्फल होता है | इसलिए जरुरी है की इसका आयोजन उचित आचार्य या पंडित के देख- रेख में किया जाये |
अगर आप दस महाविधा पूजन व हवन करवाने का विचार कर रहे हो तो 99पंडित वेबसाइट पर ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे अपना पंडित बुक कर सकते हो | यह प्लेटफार्म आपकी पूजा या हवन को पूर्ण वैदिक- विधि से करवाने में सक्षम है |
अत: अपना पंडित Aapkaपंडित प्लेटफार्म की “बुकिंग ए पंडित” बटन पर क्लिक करके, अपना सामान्य ब्यौरा देकर आप कन्फॉर्ममेशन के द्वारा आसानी से बुक कर सकते हो |
आगे हम Aapkaपंडित आपको वह सूचि प्रदान करवा रहे है जिसकी आपको दस महाविधा पूजन व हवन के दौरान आपको जरुरत रहेगी | इसलिए इस सूचि का ध्यानपूर्वक अवलोकन करना सही रहेगा क्यों की दस महाविधा पूजन व हवन में विभिन्न प्रकार की सामग्री का प्रयोग होता है | यह सूचि निम्न प्रकार से है –
दस महाविधा हेतु पूजन एवं हवन सामग्री
| सामग्री | मात्रा |
| रोली | 1 पैकेट |
| कलावा (मौली) | 5 नग |
| चौकी | 5 नग |
| सिंदूर | 1 पैकेट |
| लौंग | 1 पैकेट |
| इलायची | 1 पैकेट |
| सुपारी | 11 नग |
| गरिगोला | 7 नग |
| शहद व् इत्र | 1 शीशी |
| गंगाजल | 1 शीशी |
| गुलाबजल | 1 शीशी |
| केवटाजल | 1 शीशी |
| अबीर , गुलाब , हल्दी | 1+1+1 पैकेट |
| धूपबत्ती | 1 पैकेट |
| रूईबत्ती | 1 पैकेट |
| गाय का घी | सवा किलो |
| चावल | 9 किलो |
| लाल, हरा, पीला ,काला, रंग | 5 + 5 पुड़िया |
| पीला वस्त्र | 3 मीटर |
| लाल वस्त्र | 2 मीटर |
| काला वस्त्र | 1 मीटर |
| श्वेत वस्त्र | 1 मीटर |
| कलश | 5 नग |
| दियाळी | 25 नग |
| सकोरा | 10 नग |
| सप्तमूर्तिका , | 1 पैकेट |
| सप्तधान्य | 1 पैकेट |
| पंचरत्न | 1 पैकेट |
| सर्वोषधि | 1 पैकेट |
| जनेऊ | 15 नग |
| लाल चन्दन | 1 पैकेट |
| अष्टगंध चन्दन | 1 पैकेट |
| नवग्रह यंत्र | 1 नग |
| बंगलमुखी यंत्र | 1 नग |
| दस महाविधा यंत्र | 1 नग |
| परतयदिनरा यंत्र | 1 नग |
| दोने | 1 पैकेट |
| भस्म | 1 पैकेट |
| चांदी का सिक्का | 1 नग |
| साड़ी एवं शृंगार व्यवस्था | 2 सेट |
| पञ्चमेवा | 200 ग्राम |
| कपूर | 100 ग्राम |
| काली सरसो | 100 ग्राम |
| पिली सरसो | 100 ग्राम |
| राई | 100 ग्राम |
| गुग्गुल का लोबान | 50 ग्राम |
| लाल खड़ी मिर्च | 100 ग्राम |
| लोहे की किले (सवा इंच ) | 50 ग्राम |
| भोजपत्र | 2 पैकेट |
| पानी वाले नारियल | 11 नग |
| नवग्रह समिधा | 1 पैकेट |
| आम की लकड़ी | 11 किलो |
| गूलर की लकड़ी | 5 नग |
| अपामार्ग लकड़ी | 5 नग |
| खैर की लकड़ी | 5 नग |
| पाकड़ की लकड़ी | 5 नग |
| बरगद की लकड़ी | 10 नग |
| पीपल की लकड़ी | 10 नग |
| पलाश की लकड़ी | 20 नग |
| मंदार की लकड़ी | 10 नग |
| बारा (बटक) की लकड़ी | 10 नग |
| चावल का चूर्ण | 100 ग्राम |
| गेहू का आटा | 100 ग्राम |
| सेंधा नमक | 100 ग्राम |
| खड़ी उड़द | 250 ग्राम |
| दही | 500 ग्राम |
| जामुन की लकड़ी | 10 नग |
| मुलहठी | 10 नग |
| कुशा | 1 बण्डल |
| सफेद चूर्ण | 100 ग्राम |
| मालती | 10 ग्राम |
| बेलपत्र | 25 ग्राम |
| मदार पुष्प | 100 ग्राम |
| पलाश पुष्प | 100 ग्राम |
| काला तील ,सफेद तील | 250 ग्राम |
| जौ | 200 ग्राम |
| गुड़ | 500 ग्राम |
| फूल, फूलमाला | 5 नग |
| पान के पते | 21 नग |
| दूध, दही | – |
| आम का पल्लव | 5 नग |
| फल व् मिठाई आवश्यकतनुसार | – |
| हवन सामग्री | ढाई किलो |
दस महाविद्याएं: शक्तिपूर्ण देवी रूप में विभिन्न अधिष्ठातृ शक्तियां
ये दस महाविद्याएं विभिन्न शक्तियों को प्रतिष्ठित करती हैं और उनका महत्व हिंदू तंत्र में मान्यता प्राप्त है। हर एक महाविद्या विशेष गुणों और सिद्धियों को प्रतिष्ठित करती है और अपनी साधकों को विशेष शक्तियों और अनुभवों का अनुभव करने में मदद करती है।
- काली (Kali): काली शक्ति अधिष्ठातृ, तमोगुण और मोक्ष की प्रतिष्ठा करने वाली हैं।
मन्त्र:- || ॐ क्रीं कालिकायै नमः||
- तारा (Tara): तारा शक्ति राहत और उद्धार की प्रतिष्ठा करती हैं।
मन्त्र:- || ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट् ||
- छिन्नमस्ता (Chinnamasta): छिन्नमस्ता शक्ति नष्ट करने और स्वतंत्रता की प्रतिष्ठा करती हैं।
मन्त्र:- || ॐ ह्रीं श्रीं वज्रवैरोचन्यै हुं हुं फट् स्वाहा ||
- भुवनेश्वरी (Bhuvaneshwari): भुवनेश्वरी शक्ति सृष्टि और सम्पूर्णता की प्रतिष्ठा करती हैं।
मन्त्र:- || ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः||
- बगलामुखी (Baglamukhi): बगलामुखी शक्ति वाक सिद्धि और शत्रुनाश की प्रतिष्ठा करती हैं।
मन्त्र:- || ॐ ह्लीं बगलामुख्यै नमः||
- मातंगी (Matangi): मातंगी शक्ति वाणी का संचारहर एक महाविद्या विशेष शक्ति या दिशा को प्रतिष्ठित करती है।
मन्त्र:- || ॐ ह्रीं ऐं श्रीं मातङ्ग्यै नमः||
- कमला (Kamala): कमला शक्ति सौंदर्य, समृद्धि और प्रकृति की प्रतिष्ठा करती हैं।
मन्त्र:- || ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं सौः कमलायै नमः||
- धूमावती (Dhumavati): धूमावती शक्ति नाश, तपस्या और विराग की प्रतिष्ठा करती हैं।
मन्त्र:- || ॐ धूं धूं धूमावत्यै स्वाहा ||
- त्रिपुर सुंदरी(Tripur Sundari) : माता का यहाँ रूप षोडशी माहेश्वरी शक्ति की विग्रह वाली शक्ति माना जाती है तथा इस माता का मंदिर त्रिपुरा में स्थित है ।
मन्त्र:- || ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः||
- त्रिपुर भैरवी ( Tripur Bhervi): त्रिपुर भैरवी की उपासना करने से सभी बंधन दूर हो जाते है व कार्य को एक नई राह मिलती है |त्रिपुर भैरवी को बंधीमाता भी कहा जाता है |
मन्त्र:- || ॐ ह्रीं भैरव्यै नमः||
दस महाविधा पूजन व हवन से होने वाले लाभ
दस महाविधा पूजा के लाभों को विशेष रूप से निम्नलिखित रूपों में समझा जा सकता है:
इन दस महाविद्याओं की पूजा के माध्यम से, आप आध्यात्मिकता और मन की शांति की प्राप्ति कर सकते हैं। ये महाविद्याएं आपके मन को शुद्ध करने और उच्चतर चेतना के साथ आपको आत्मानुभव की ओर ले जाने में मदद करती
शक्ति और सामर्थ्य
दस महाविधा पूजा से आप आपनी आंतरिक शक्तियों को जागृत करते हैं और सामर्थ्य को विकसित करते हैं। इन देवी माताओं की कृपा से, आपब्रह्मविद्या और ज्ञान की प्राप्ति कर सकते हैं, जो आपको सामरिक और आध्यात्मिक मामलों में सफलता प्रदान कर सकता है।
रक्षा और सुरक्षा
दस महाविधा पूजा से आपको रक्षा और सुरक्षा की प्राप्ति हो सकती है। इन देवी माताओं का आशीर्वाद आपको भय, बुराई और अनुचित प्रभावों से बचाने में मदद करता है।
संतान सुख
दस महाविधा पूजा वंश परंपरा, संतान सुख और पुत्र प्राप्ति में मदद कर सकती है। इन देवी माताओं की कृपा से, आपको संतानों के प्राप्ति और उनके उत्पादन में सहायता मिल सकती है।
धन और समृद्धि
दस महाविद्याओं की पूजा से आप धन, समृद्धि और आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं। साथ ही ये देवी माताएं धन, संपत्ति और आर्थिक विकास की प्रतीक हैं और आपको आर्थिक लाभ प्रदान कर सकती हैं।





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