रुद्राभिषेक पूजन सामग्री लिस्ट: संपूर्ण सूची, विधि और महत्व
सावन (श्रावण) के महीने में अगर भगवान शिव की उपासना पूर्ण श्रद्धा और विधि- विधान के साथ की जाये तो ऐसी कोई इच्छा या मनोकामना नहीं हो सकती जो भगवान भोले शिव उनके भगत की पूरी ना करें| रुद्राभिषेक श्रावण मास में की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक-अनुष्ठान माना जाता है | अगर हम इस धार्मिक -अनुष्ठान को पूरी श्रद्धा व समर्पित भाव के साथ करते है तो हमें रुद्राभिषेक पूजन सामग्री का ज्ञान हमारे लिए बहुत जरुरी हो जाता है| क्यों की रुद्राभिषेक पूजन सामग्री भक्त का अपना अहोभाव प्रकट करती है।
मुख्यतय: रुद्राभिषेक शब्द “रुद्र” व “अभिषेक” के मिलने से बना है “ जहाँ “रूद्र” भगवान शिव है शिव को ही ‘रुद्र’ कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी भगवान शिव आपके सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं।
“ अभिषेक” जिसका शब्दित अर्थ “जल से सींचन ” होता है| रुद्राभिषेक के सन्दर्भ में “अभिषेक” शब्द का मतलब भगवान शिव के शिवलिंग को जल से स्नान करवाने से होता है| यह पूर्ण विधि- विधान से किया जाने वाला कार्य होता है इसके लिए आपको पंडित जी के मार्गदर्शन की सर्वोपरि आवश्यकता होती है जो रुद्राभिषेक जैसे धार्मिक- अनुष्ठान को वैदिक शास्त्रानुसार संपन्न करवाने की योग्यता रखता हो|
रुद्राभिषेक पूजा के दौरान रुद्राक्ष पहनने से आपको बहुत सारे लाभ मिल सकते हैं। यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि आप असली रुद्राक्ष पहनें ताकि आपको रुद्राभिषेक पूजा से वांछित लाभ मिल सके।
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रुद्राभिषेक पूजा के ऑनलाइन पंडित
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रुद्राभिषेक पूजन सामग्री लिस्ट निम्न प्रकार है
सामग्री | मात्रा |
रोली | 50 ग्राम |
हल्दी | 50 ग्राम |
कलावा (मौली) | 5 पैकेट |
सिंदूर | 1 पैकेट |
लौंग एवं इलायची | 1 + 1 पैकेट |
सुपारी | 11 नग |
अबीर | 1 पैकेट |
गुलाल | 1 पैकेट |
अभ्रक | 50 ग्राम |
लाल चन्दन बुरादा | 50 ग्राम |
श्वेत चन्दन | 50 ग्राम |
अष्टगंध चन्दन | 50 ग्राम |
महाराजा चन्दन | 1 पैकेट |
कुमकुम पीला | 1 पैकेट |
शहद | 1 शीशी |
इत्र | 1 शीशी |
चमेली का तेल | 1 शीशी |
गंगाजल बड़ी बोतल | 1 शीशी |
गुलाबजल बड़ी | 1 शीशी |
केवड़ा जल | 1 शीशी |
कमल बीज | 50 ग्राम |
सप्तधान्य | 50 ग्राम |
काला तिल | 50 ग्राम |
जौ | 50 ग्राम |
गुर्च | 50 ग्राम |
लाल कपडा | 1 मीटर |
पीला कपडा सूती | 1 मीटर |
श्वेत कपडा | 1 मीटर |
पिली सरसो | 1 पैकेट |
जनेऊ | 8 नग |
धूपबत्ती | 2 पैकेट |
भस्म | 1 पैकेट |
शमीपत्र | 1 पैकेट |
रूईबत्ती | 1 पैकेट |
घी | 250 ग्राम |
कपूर | 50 ग्राम |
भांगगोला | 1 नग |
पानी नारियल स्नान हेतु | 2 नग |
दोना बड़ा साइज | 1 पैकेट |
दियाळी | 15 नग |
पञ्चमेवा | 200 नग |
चीनी | 500 ग्राम |
चावल | 250 ग्राम |
पार्वती जी के लिए साडी | 1 नग |
शृंगार सामग्री | 1 सेट |
चांदी अथवा सवर्णाभूषण | निष्ठानुसार |
भोलेनाथ हेतु वस्त्र -धोती गमछा आदि | – |
चांदी का सिक्का (किसी देवता की आकृति विहीन) | – |
गन्ने का रस | 1 + 1 लीटर |
कुम्हार की मिटटी गिली वाली | 7 किलो |
पान के पते बड़े साइज | 11 नग |
फल एवं मिठाई आवश्यकतानुसार | – |
गुलाब फूल | 2 किलो |
सुरजमुखी श्वेत एवं पित पुष्प | 1 किलो |
गेंदा के फूल | 1 किलो |
चांदनी के फूल | 1 किलो |
नवरग के फूल | 1 किलो |
मदार के पुष्प | 250 ग्राम |
धूतर पुष्प एवं फल | – |
तुलसी मंजरी | – |
कमल पुष्प | 21 या 51 या 108 नग |
बेलपत्र | 108 पीस |
हरी भांग | 200 ग्राम |
रुद्राक्ष माला | 1 नग |
फलो का जूस स्नान हेतु | 1 + 1 |
दूर्वा हरी | हरी अंकुरित |
फूलो की लड़ी (सजावट एवं शृंगार करना करने के लिए ) | – |
दूध | 5 अथवा 7 लीटर |
दही | 1 किलो |
बड़ी (फूलसाइज) की परांत एवं चौकी , वस्त्रादि – पंडित के अनुसार करे | | – |
रुद्राभिषेक का महत्व एवं लाभ
शिव पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग रुद्राभिषेक को माना जाता है जो शिव भक्तों के द्वारा अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। इस पूजा का महत्वपूर्ण कारण यह है कि इसके माध्यम से शिव भक्तों को शिव के आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होती है। यह पूजा शिव के गुणों, महत्वपूर्णता और ऊँचाईयों को दर्शाने का एक श्रेष्ठ तरीका है। शिव पूजा के माध्यम से भक्तों का मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक विकास होता है।
इस “रुद्राभिषेक” करने से शिव भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह पूजा शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर व्यक्ति को शक्ति, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति में सहायता करती है। “रुद्राभिषेक” करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे शिव की कृपा प्राप्त होती है। इस पूजा को करने से व्यक्ति में सामर्थ्य, शक्ति और सुरक्षा की भावना जाग्रत होती है।
रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है?
शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को उनका रूद्र रुप सबसे प्रिय होता है | “रुद्राभिषेक” का आयोजन करने से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है | “रुद्राभिषेक” करने से भगवान शिवा अत्यंत प्रसन्न होते है,और वे इस रुप में आपको मनचाहा वरदान देते है |
रुद्राभिषेक विधि
सबसे पहले पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें और उस समय तैयार हो जाएं।यह भी समरण रहे की पूजा स्थान को साफ-सुथरा और ध्यानयोग्य बनाएं। पूजा की शुरुआत करने के लिए पहले गणेश जी की पूजा करें | फिर शिवलिंग को एक पात्र में स्थापित करें तथा साथ में “ॐ नम शिवाय मंत्र” का उच्चारण करे।
तत्पश्चात शिवलिंग को जल से स्नान कराएं और उसे शुद्ध पानी से धोएं।बाद में शिवलिंग को धूप, दीपक, गंध और अच्छंबित से सजाएं। फिर अपने हाथों में रुद्राभिषेक पूजन सामग्री लेकर शिवलिंग की पूजा करें। मन्त्रों के उच्चारण के साथ साथ शिवलिंग को जल से अभिषेक करें। पूजा समाप्त करने के बाद आरती करें और उन्हें प्रणाम करें।अंत में प्रसाद बांटें और पूजा स्थान को साफ करें।
रुद्राभिषेक मंत्र
शिवलिंग का जलाभिषेक करते समय हमें निम्न मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए :-
‘श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।’
गाय के दूध से रुद्राभिषेक कैसे करे
कहते है की गाय भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है अगर आप शाम के समय अगर भगवान शिव को गाय का तजा दूध द्वारा अभिषेक करते है तो भोले बाबा जल्दी प्रश्न होते है और वो आपकी मनोकामना जल्दी पूर्ण करेंगे |
गाय के दूध से रुद्राभिषेक करते समय हमें निम्न मंत्रो का उच्चारण करना चाहिए |
“ॐ श्री कामधेनवे नम:”
“ॐ नम: शिवाय” मंत्र का उच्चारण करते हुए लाल फूलों की कुछ पंखुडियां शिवलिंग को अर्पित करें।
साथ ही गाय के दूध की पतली धार बनाते हुए – “ॐ सकल लोकैक गुरुर्वै नम:” मंत्र का जाप करते रहें।
निष्कर्ष
इस वर्ष सावन(श्रावण) महीना 59 दिन का है ,और इसमें कुल 8 सोमवार है , यदि आप सोमवार के दिन “ रुद्राभिषेक” के आयोजन करवाते है तो आपकी मनोकामना पूर्ण होने से कोई नहीं रोक सकता|
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